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मालवा की सुवास - श्रीनिवास
मालवी की मिठास को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में श्री बालकवि बैरागी का अवदान उल्लेखनीय है। साहित्य के दौर में ‘मालवी के मणके’ पिरोते हुए श्री बालकवि बैरागी ने सार्थक, सटीक और सरल लेखन सिरजा है।...
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महाकाल के महाशय- बालकवि बैरागीपुण्य-स्मृति पण्डित श्री सूर्यनारायणजी व्यासकी पुण्य-तिथि ( 22 जून 1999) प्रसंग पर लिखा, दादा श्री बालकवि बैरागी का यह लेख, इन्दौर से प्रकाशित दैनिक नव भारत...
View Articleबालकवि की ललकार और महाकवि का मर्म
श्री बालकवि बैरागी और डॉ. शिव चौरसियाडॉ. विवेक चौरसियाआज दादा श्री बालकवि बैरागीकी 94वीं वर्ष-गाँठ है। दादा होते तो आज अपने जीवन के 95वें वर्ष में प्रवेश कर रहे होते। यह लेख, उनके जीवित रहते, उनकी...
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