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Channel: एकोऽहम्
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बाल-गीत : किरणों से जगमगाएँ

श्री बालकवि बैरागी के बाल-गीत संग्रह‘गाओ बच्चों’ का आठवाँ बाल गीत किरणों से जगमगाएँकिरणों से जगमगाएँ खुशबू से फैल जाएँबच्चों! हमारी दुनिया हम ही नई बनाएँहैं फूल इक चमन के, हैं इक गगन के तारेखोटे हैं सब...

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अपनी-अपनी शक्ति

 श्री बालकवि बैरागी के कविता संग्रह‘शीलवती आग’ की छब्बीसवीं कविता अपनी-अपनी शक्तिपहाड़ों!जितना टूट सकते हो टूट लोप्रहरियों!जितना लूट सकते हो लूट लोन हम मासूम हैंन बदहवासनिरीह तो हम हैं ही नहीं,तोल लो...

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आज का अखबार

 श्री बालकवि बैरागी के कविता संग्रह‘आलोक का अट्टहास’ की बाईसवीं कविता आज का अखबारक्षितिजों पर स्वस्तिक माँडती ऊषास्वस्तिकों का स्तवन करता सूरजआकाश का अलस आलिंगन करती सुषमातारों से छिप-छैंया खेलती...

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युद्ध गीतों के आलोचकों से

 श्री बालकवि बैरागी के कविता संग्रह‘दो टूक’ की अठारहवीं कविता यह संग्रह दा’ साहब श्री माणक भाई अग्रवाल को समर्पित किया गया है।युद्ध-गीतों के आलोचकों सेआग के समन्दर मेंमेरी बुलन्द आवाज पर तुम्हें आपत्ति...

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बाल-गीत : ओ मिट्टी के कण

श्री बालकवि बैरागी के बाल-गीत संग्रह‘गाओ बच्चों’ का नौवाँ बाल गीत ओ मिट्टी के कण!हम पर है उपकार कितना तेराहाँ तेराओ मिट्टी के कण!कैसे इतना कर्ज उतारे, छोटा सा जीवनहमारा छोटा सा जीवनओ मिट्टी के कण!जननी...

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हम भूल गए हैं वेदराग

 श्री बालकवि बैरागी के कविता संग्रह‘शीलवती आग’ की सत्ताईसवीं कविता हम भूल गए हैं वेदराग(आर्य समाज, बदायूँ के शताब्दि समारोह 12, 1, 14 अक्टूबर 1975के अवसर पर महर्षि दयानन्द के प्रति एक भावांजलि।)वह...

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मैं रहा टेसू-का-टेसू

श्री बालकवि बैरागी के कविता संग्रह‘आलोक का अट्टहास’ की तेईसवीं कविता मैं रहा टेसू-का-टेसूकोई न कोईरिश्ता है जरूरआम और कोयल में।ये गाएऔर वो बौराएयाकिये बौराएऔर वो गायेकैसे हो जाता?पता नहींपहल कौन करता...

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व्याकुल राष्ट्र-पताका से

 श्री बालकवि बैरागी के कविता संग्रह‘दो टूक’ की उन्नीसवीं कविता यह संग्रह दा’ साहब श्री माणक भाई अग्रवाल को समर्पित किया गया है।व्याकुल राष्ट्र-पताका से(जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु पर एक रचना)काँप मत मेरे...

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बाल-गीत : हम हैं पहरेदार

श्री बालकवि बैरागी के बाल-गीत संग्रह‘गाओ बच्चों’ का दसवाँ बाल गीत हम हैं पहरेदार  हम हैं पहरेदार वतन केहम हैं पहरेदार।।इस गुलशन के हर मौसम केहम हैं जिम्मेदारवतन के हम हैं पहरेदार।।...

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सच : सामना नहीं, साथ

(आज, अचानक ही या लेख सामने आ गया। मेरे ब्लॉग गुरु श्री रवि रतलामी द्वारा प्रकाशित/सम्पादित, हिन्दी की सम्भवतः प्रथम ई-पत्रिका ‘रचनाकार’में, जुलाई 2009 में यह लेख छपा हुआ नजर आया। याद नहीं आ रहा कि इसे...

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एक दिन

श्री बालकवि बैरागी के कविता संग्रह‘आलोक का अट्टहास’ की चौबीसवीं कविता एक दिनदाहिने हाथ नेजल-कलश सेगमले के फूल-पातों को सींचाऔर बाएँ हाथ नेउसका एक फूल तोड़ा।मनीषी मन नेबाएँ हाथ को मरोड़ा‘यह क्या पागलपन...

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मेरे देश! शकुन ले

 श्री बालकवि बैरागी के कविता संग्रह‘दो टूक’ की बीसवीं कविता यह संग्रह दा’ साहब श्री माणक भाई अग्रवाल को समर्पित किया गया है।मेरे देश! शकुन ले(स्व. लालबहादुर शास्त्री की मृत्यु पर एक रचना)सूरज, चाँद,...

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एक निवेदन

 श्री बालकवि बैरागी के कविता संग्रह‘शीलवती आग’ की अट्ठाईसवीं कविता एक निवेदनजन्म भर तुमसे असहमत ही रहा हूँ.इसलिए मैं आज भी सहमत नहीं हूँउस दिशा सेजिस दिशा में रास तुमने मोड़ कर केछोड़ना चाहा मुझे...

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बाल-गीत : जूझ गई मौसम से

श्री बालकवि बैरागी के बाल-गीत संग्रह‘गाओ बच्चों’ का ग्यारहवाँ बाल गीत जूझ गई मौसम सेजूझ गई मौसम से पाँखुरी गुलाब कीअब पसीना दीजिये और रोकिये बहार कोएक अजानी आग में जब घिरा चमनऔर पराग होने लगा राख में...

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गीत लहर

बच्चों के लिए लिखी गईश्री बालकवि बैरागी कीइक्कीस छोटी-छोटी कविताओं की किताब‘गीत लहर’अमर तिरंगासबसे ऊपर केसरिया है,सबसे नीचे हरा-हरा।ठीक बीच में सफेद है,जिस पर अशोक चक्र धरा।।अमर तिरंगा यही हमारा,हमें...

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सगे सम्बन्धी

 श्री बालकवि बैरागी के कविता संग्रह‘शीलवती आग’ की सत्रहवीं कविता सगे सम्बन्धीसंकट से बड़ा सगाऔर सुख से बड़ा दगाकभी नहीं मिला।मिला होता तो इन्द्रधनुष मेंसात नहीं आठ रंग होतेऔर जिन्दगी जीने केसत्र्रह सौ...

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इष्ट मित्र

श्री बालकवि बैरागी के कविता संग्रह‘आलोक का अट्टहास’ की तेरहवीं कविता इष्ट मित्रबुलाया था उन्होंनेइष्ट मित्रों सहितऔर मैंचला गया उनके घरअपने सनातन, शाश्वतइष्ट मित्र ‘अभावाें’ सहित।अबन मेरा कोई स्वागतन...

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पोस्टर

 श्री बालकवि बैरागी के कविता संग्रह‘दो टूक’ की नौवीं कविता यह संग्रह दा’ साहब श्री माणक भाई अग्रवाल को समर्पित किया गया है।पोस्टर       ब्रह्माजी सेअनायास कल भेंट हो गईपूछा, ‘बाबा, क्या करते हो?’बोले,...

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गीत बहार

 बच्चों के लिएश्री बालकवि बैरागी कीतेईस छोटी-छोटी कविताओं की किताब‘गीत बहार’सोचो-समझोसोचो-समझो और विचारोपेड़ों को पत्थर मत मारो।समझाता हमको विज्ञानउनमें भी होती है जान।।सीखसबसे हँसकर मीठा बोलोहमें बड़ों...

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चुनाव: मेरा खेत, मेरी फसल

 श्री बालकवि बैरागी के कविता संग्रह‘शीलवती आग’ की अठारहवीं कविता चुनाव: मेरा खेत, मेरी फसलमैं प्रतीक्षा कर रहा हूँउन गड़रियों कीजो अपनी-अपनी भेड़ें लेकर आते हैंऔर मेरी फसलें बड़े इत्मीनान से चराते हैं।मैं...

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